नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने देश को संबोधित करते हुए GST (Goods and Services Tax) से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा साझा किया। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले भारत में टैक्स और टोल (Tax and Toll System in India) की जटिलताओं ने कारोबारियों (Businessmen) और आम जनता (Common People) को काफी मुश्किलों में डाला था।
Bengaluru से Hyderabad माल भेजना क्यों था चुनौती?
पीएम मोदी ने उदाहरण देते हुए बताया कि एक विदेशी अखबार (Foreign Media Report) में छपा था कि एक कंपनी को बेंगलुरु से हैदराबाद (Bengaluru to Hyderabad Goods Transport) तक माल भेजना इतना कठिन लगता था कि वे इसे सीधा यूरोप (Europe Export) भेजना आसान मानते थे। यानी यूरोप तक सामान पहुंचाकर फिर हैदराबाद मंगाना, भारत के अंदर सीधा भेजने से सरल माना जाता था।
टैक्स सुधार (Tax Reforms) की दिशा
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उस दौर में लाखों कंपनियां (Indian Companies) टैक्स के जाल (Complex Tax System) में उलझी रहती थीं। शहर से शहर (City-to-City Transport) सामान पहुंचाने में अतिरिक्त खर्च (Extra Costs) लगता था, जिसका असर सीधे ग्राहकों (Customers) और जनता (Public) पर पड़ता था।
Next Generation GST से मिलने वाले फायदे
पीएम मोदी ने ऐलान किया कि 22 सितंबर, नवरात्रि (Navratri 2025) के पहले दिन से देश में Next Generation GST System लागू हो जाएगा। इसे उन्होंने “GST बचत उत्सव (GST Savings Festival)” नाम दिया।
उन्होंने कहा कि नई GST दरों (New GST Rates 2025) से रोजमर्रा की चीजें (Daily Use Products) और सस्ती हो गई हैं। अब 99% वस्तुओं पर केवल 5% Tax लगेगा। इसका फायदा हर भारतीय नागरिक (Indian Citizens) और कारोबारी (Business Community) को होगा।
निष्कर्ष (Conclusion)
पीएम मोदी का यह संदेश (PM Modi Speech on GST) इस बात की पुष्टि करता है कि भारत में टैक्स सुधार (Tax Reforms in India) अब आम जनता और कारोबारियों दोनों के लिए लाभकारी हैं। जहां कभी Bengaluru से Hyderabad माल भेजना कठिन और महंगा लगता था, वहीं अब नया GST सिस्टम (New GST System in India) इसे आसान और किफायती बना रहा है।
